ज्ञान के मंदिर में हिंसा का तांडव: अवैध रूप से संचालित लाइब्रेरी में मारपीट दो युवक लहूलुहान...आखिर किसकी चूक
झाँसी की मोठ कोतवाली क्षेत्र स्थित तहसील के सामने संचालित दिशा लाइब्रेरी एक बार फिर विवादों में आ गई है। सोमवार को लाइब्रेरी में युवकों के दो गुटों के बीच जमकर मारपीट हुई, जिसमें दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। मारपीट के दौरान कुर्सियां तक चल गईं और लाइब्रेरी में तोड़फोड़ की गई। घटना के दौरान अफरा-तफरी मच गई और मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया।
विवादित लाइब्रेरी में फिर झड़प------
स्थानीय लोगों के अनुसार, दिशा लाइब्रेरी पहले भी विवादों में रह चुकी है। कुछ महीने पहले एक अभिभावक ने इस लाइब्रेरी को “अय्याशी का अड्डा” बताया था। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई, जिससे ऐसे संस्थानों का मनोबल और बढ़ता जा रहा है। बताया जा रहा है कि लाइब्रेरी का संचालन बिना किसी वैध लाइसेंस और सुरक्षा मानकों के किया जा रहा है।
पहले हाथापाई फिर खूनी संघर्ष------
जानकारी के मुताबिक ग्राम भरोसा निवासी अर्पित गुप्ता और बुढ़ावली निवासी केशव यादव के बीच लाइब्रेरी में किसी बात को लेकर पहले बहस हुई और फिर मामला हाथापाई तक पहुंच गया। देखते ही देखते कुर्सियां हवा में उड़ने लगीं और जमकर मारपीट हुई सूचना पर मोठ कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को हिरासत में लिया। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बिना लाइसेंस न सुरक्षा के इंतजाम कब जागेगा प्रशासन-
झाँसी जिले के मोठ क्षेत्र में लाइब्रेरी संस्थानों का फर्जी धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है। बिना पंजीकरण और बिना किसी निगरानी के संचालित हो रहे ये संस्थान न सिर्फ पढ़ाई के माहौल को खराब कर रहे हैं बल्कि युवाओं को अपराध की ओर भी धकेल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, कई लाइब्रेरी संचालकों ने शिक्षा के नाम पर केवल धंधा चला रखा है, जिनमें छात्रों की सुरक्षा और मानसिक विकास का कोई ध्यान नहीं रखा जाता।
प्रशासन की लापरवाही दे रही बड़ी घटना को आमंत्रण----
प्रशासन की ओर से इस पूरे मामले पर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने मांग की है कि ऐसे अवैध लाइब्रेरी संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाए और शिक्षा के नाम पर चल रहे इस तरह के फर्जीवाड़े को रोका जाए।
कार्यवाई पर टिकी सभी की निगाहें------
अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस घटना को कितनी गंभीरता से लेता है या फिर पूर्व की तरह अनदेखी कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो भविष्य में ऐसे और बड़े हादसों की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
रिपोर्टर- भारत नामदेव
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